जमशेदपुर के आदिवासी बहुल इलाके करनडीह में मकर संक्रांति के बाद के दिनों में चिड़ी दाग की परंपरा निभाई जाती है। इसमें बच्चों का पेट गर्म सलाखों से दागा जाता है। लोगों की आस्था है कि इससे भविष्य में बच्चों की पेट की बीमारियां दूर होंगी। करनडीह में आजकल जगह-जगह यह परंपरा निभाई जा रही है।
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